Narayani mata mandir
नारायणी माता मंदिर की जानकारी -
Information About Narayani Mata Mandir -
नारायणी माता मंदिर राजस्थान के अलवर शहर से लगभग 80 किलोमीटर दूर अरावली की पहाड़ियों में सरिस्का राष्ट्रीय अभ्यारण के पास स्थित है। यहाँ एक पानी का कुंड है, जिसमें सदैव गरम पानी रहता ऐसी मान्यता है, की इस पानी में नहाने से बीमारियाँ दूर हो जाती है।
नारायणी माता को भगवन शिव की पहली पत्नी सती का अवतार मानी जाती है। नारायणी माता को सैन समाज अपनी कुल देवी मानते है इस मंदिर में मीणा और सैन समाज के बीच विवाद चल रहा है। यहाँ प्रत्येक वर्ष मेला लगता था जो अब बंद कर दिया गया है यहाँ दूर -दूर से तीर्थ यात्री यात्रा करने आते हैं।
2. नारायणी माता मंदिर का इतिहास -
History Of Narayani Mata Mandir -
करोली जिले में नारायणी माता का जन्म हुआ और अलवर के राजोरगढ़ नाम के गाँव में माता का विवहा हुआ विवाह के पश्चात जब माता अपने पति के साथ ससुराल जा रही थी तब रस्ते में एक बड़ के पेड़ के निचे दोनों विश्राम कर रहे थे। तभी एक सांप ने माता के पति को डस लिया और और उन की मत्यु हो गई। नारायणी माता भगवन शिव की पहली पत्नी सती का अवतार मानी जाती है। माना जाता है की जब नारायणी माता पहली बार ससुराल जा रही तब सांप ने उन के पति को काट लिया जिस से उन के पति की मृत्यु हो गई और नारायणी माता अपने पति के साथ सती हो गई। और उस के पश्चात नारायणी माता के मंदिर की स्थापना हुई।
3. नारायणी माता मंदिर का रहस्य -
Mystery Of Narayani Mata Mandir -
नारायणी माता मंदिर में एक पानी का कुंड है जिस में सदैव गरम पानी रहता है। ग्रामीणो की ऐसी मान्यता है की इस कुंड में नहाने से बीमारियाँ दूर हो जाती है। कुंड में गरम पानी के पीछे की कहानी है की जब नारायणी माता सती होने के लिए लकड़ियाँ जुटाने में लग गई उन्हें एक ग्वाला दिखाई दिया तो उन्होंने चिता के लिए लकड़ी देनी की गुजारिश की तो ग्वाले ने उन को लकड़ी दे दी माता ने कहा आप का मेरे ऊपर एहसान है आप कुछ मांगना चाहते हो तो माँग लो ग्वाले ने कहा आप इस स्थान के लिए एक वरदान दे जाइए यहाँ पानी की कि समस्या है। नारायणी माता ने उन्हें वरदान दे दिया मेरी चिता की लकड़ी लेकर आगे की और बढ़ते जाओ पीछे मुड कर मत देखना पीछे मुड़ते ही पानी रुक जाएगा ग्वाला आगे की और बढ़ता गया उसे माता की चिंता हुई तो उस ने पीछे देखा और पानी वहीं पर रुक गया और गाँव वालों ने उस स्थान पर मंदीर स्थापित कर दिया। आज भी यहाँ एक कुंड में से गरम पानी बहता रहता है।
4. नारायणी माता मंदिर के दर्शन का समय -
Time To Visit Of Narayani Mata Temple -
सुबह की आरती के पश्चात मंदिर पूरे दिन खुला रहता है इस बीच कभी भी मंदिर के दर्शन कर सकते हैं।
5. नारायणी माता मंदिर जाने का सब से अच्छा समय -
Best Of All Time To Go Narayani Mata Temple -
मंदिर दर्शन का सब से अच्छा समय अगस्त से मार्च का माना जाता है इस समय यहाँ मौसम सुहावना रहता है और इस मौसम में यहाँ हरियाली व झरने भी देखने को मिलते है।
6. नारायणी माता मंदिर की लोकेशन का मैप -
Narayani Mata Mandir Location Map -
7. कैसे पहुंचे नारायणी माता मंदिर -
How To Reach Narayani Mata Mandir -
आप जयपुर या अलवर की यात्रा का विचार कर रहे है तो नारायणी माता मंदिर को भी शामिल कर सकते है अलवर से मंदिर की दुरी 80 किलोमीटर है और जयपुर से 90 किलोमीटर है जो एक दिन की यात्रा के लिए उचित है।
- सड़क मार्ग से यात्रा -
आप को बता दें की मंदिर के लिए आप अलवर, जयपुर, दौसा, से बस या टैक्सी से यात्रा कर सकते है राजस्थान सरकार के द्वारा यहाँ के लिए बसों की व्यवस्था की गई है।
- रेल मार्ग से यात्रा -
रेल मार्ग से यात्रा करने के लिए जयपुर, अलवर, और दौसा, रेलवे स्टेशन से पहुंच सकते है दौसा नजदीकी रेलवे स्टेशन है जो एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है।
- हवाई मार्ग से यात्रा -
हवाई मार्ग से यात्रा करने के विचार से नजदीकी हवाई अड्डा जयपुर है जो यहाँ से 90 किलोमीटर दूर है।
8. मंदिर के आस-पास प्रसिद्ध स्थल -
Famous Places Around The Temple -
नारायणी माता मंदिर यात्रा में इन्हे भी शामिल कर सकते है -
- सरिस्का अभ्यारण
- भानगढ़
- पांडुपोल
- सिलीसेढ़ झील
- नीलकंठ महादेव
- पारासर झरना
- आभानेरी बावड़ी
अलवर के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल -
Famous Religios Places Of Alwar -
- पांडुपोल
- पारासर झरना
- नीलकंठ महादेव
- झिलमिल गुफा
अलवर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल -
Famous Tourist Places Of Alwar -
- सरिस्का अभ्यारण
- भानगढ़
- सिलीसेढ़ झील
- आभानेरी बावड़ी
9. मंदिर की फोटो गैलेरी -
Photo Gallery Of Temple -
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