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Birla Mandir Jaipur Tour

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बिरला मंदिर की जानकारी - Information Of Birla Mandir - बिरला मंदिर राजस्थान के जयपुर जिले में जवाहर लाला नेहरु मार्ग के पास मोतीडूंगरी पहाड़ी पर स्थित है सफदे संगमरमर से निर्मित बिरला मंदिर में हिन्दुवास्तुकला देखने को मिलती है बिरला मंदिर में  भगवन लक्समीनारायण और उन की पत्नी देवी लक्समी  जी को समर्पित है  जन्मास्टमी, और दीपावली,  के समय बिरला मंदिर को बहुत खूबसूरत तरीके से सजाया जाता है    मंदिर परिसर में एक उद्यान भी है जहाँ शाम के समय मन को मोह लेने वाला द्रश्य देखने को मिलता है शहर के मुख्य मार्ग पर होने के कारनवश यहाँ  मंदिर में शाम को आरती के समय भक्तो की काफी भीड़ लग जाती है  मंदिर परिसर में एक संग्रहालय भी है जो सुबह के तक और सांय के समय से तक खुलता है यह एक छोटा सग्रहालय है जिसे काफी कम समय में देखा जा सकता है  बिरला मंदिर में    दर्शन का समय - Time To Visit  Birla Mandir - सुबह 6.30 से 12.00  शाम  3. 00 से 08.00  बिरला मंदिर    जाने का सब से अच्छा समय - Best Time T...

Narayani mata mandir

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नारायणी माता मंदिर की जानकारी - Information About Narayani Mata Mandir - नारायणी माता मंदिर राजस्थान के अलवर शहर से लगभग 80 किलोमीटर दूर अरावली की पहाड़ियों में  सरिस्का राष्ट्रीय अभ्यारण के पास स्थित है। यहाँ एक पानी का कुंड है, जिसमें सदैव गरम पानी रहता ऐसी मान्यता है, की इस पानी में नहाने से बीमारियाँ दूर हो जाती है। नारायणी माता को भगवन शिव की पहली पत्नी सती का अवतार मानी जाती है। नारायणी माता को सैन समाज अपनी कुल देवी मानते है इस मंदिर में मीणा और सैन समाज के बीच विवाद चल रहा है। यहाँ प्रत्येक वर्ष मेला लगता था जो अब बंद कर दिया गया है यहाँ दूर -दूर से तीर्थ यात्री यात्रा करने आते हैं।  2. नारायणी माता मंदिर का इतिहास - History Of Narayani Mata Mandir - करोली जिले में नारायणी माता का जन्म हुआ और अलवर के राजोरगढ़ नाम के गाँव में माता का विवहा हुआ विवाह के पश्चात जब माता अपने पति के साथ ससुराल जा रही थी तब रस्ते में एक बड़ के पेड़ के निचे दोनों विश्राम कर रहे थे। तभी एक सांप ने माता के पति को डस लिया और और उन की मत्यु हो गई।  नारायणी माता...

Nahargarh Biological park

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नाहरगढ़  प्राणी  उद्यान  की जानकारी - Information About Nahargarh Zoological Park- नाहरगढ़ प्राणी उद्यान राजस्थान के जयपुर जिले में दिल्ली जयपुर राजमार्ग के नजदीक अरवली पर्वतों में स्थित है। नाहरगढ़ प्राणी उड़ान को पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया था। रामनिवास बाग चिड़िया घर को नारगढ़ प्राणी उद्यान में स्थानान्तर किया गया जिसे 2016 में प्रारम्भ किया गया।  यहाँ कई प्रजाति के जानवरों की प्रजाति देखने को मिलती है और पर्यटक यहाँ  हाथी  सफारी और जंगल सफारी  का भी आनंद ले सकते है। नाहरगढ़ प्राणी उड़ान में देखने के लिए शेर, चीता, मगरमछ, चीतल, भालू, लोमड़ी, सारस, आदि  काफी जानवर देखने को मिलते है। पार्किंग से उद्यान की दुरी 1.5 किलोमीटर  है  उद्यान  में जाने के लिए पार्किंग से ई रिक्शा की व्यवस्था की गई है। जिस का अलग से टिकट लेना होता है। 1. नाहरगढ़ प्राणी  उद्यान खुलने का समय का समय - Nahargarh Zoological Park Opening Time - सुबह 9.00 बजे से 5.00 बजे तक  2. नाहरगढ़ प्राणी उद्यान में  प्रवेश शु...

Bhangarh Fort

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भानगढ़ किले की जानकारी - Information Of Bhangadh Fort- भानगढ़ किले की स्थापना आमेर के शासक राजा भगवंत दास ने 16 वी शताब्दी में की थी। जिसे बाद में मानसिंह  के भाई माधोसिंह की रियासत की राजधानी बना दिया गया यहाँ के मंदिर नागर शैली में बने हुए है। भानगढ़ का महल 7 मंजिला बनाया गया था जो अब 4 मंजिला ही शेष बचा है। भानगढ़ किला राजस्थान के अलवर जिले में है। जो अलवर से 90 किलोमीटर और दोसा से 28 किलोमीटर दूर अरवली की पहाड़ियों में है। भानगढ़ को दुनिया की सब से डरावनी जगह में से एक माना जाता है। यहाँ सूर्यास्त के बाद किसी को भी जाने की अनुमति नहीं है। यह किला गोल का बास नाम के गांव के नजदीक बसा हुआ है। ऐसा माना जाता है कि इस किले में रात में जो भी गया है वह कभी वापस लोट कर नहीं आया। इस किले के खंडर होने की वजह एक तांत्रिक को माना जाता है। उस तांत्रिक के श्राप की वजह से ही यह किला खंडर हो गया। किले में बहुत सी फिल्मो की शूटिंग भी हुई थी जिस में से एक फिल्म करण अर्जुन है। भानगढ़ किले में रास्ते के दोनों और टूटी हुई दुकानें है जो कभी चूड़ी बाजार ह...

Neelkanth Temple

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नीलकंठ महादेव मंदिर की जानकारी - Neelkanth Temple Information- नीलकंठ महादेव मंदिर राजस्थान के अलवर जिले की राजगढ़ तहसील में है जो अलवर से 70 किलोमीटर दूर अरावली की पहाड़ियों में स्थित है। नीलकंठ महादेव मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर के विषय में मान्यता है की यह मंदिर महाभारत काल का है। और  उस समय यहाँ पारा नगर नामक कस्बा हुआ करता था। पांडवो ने कशी से शिवलिंग लाकर यहाँ स्थापित किया था मंदिर के शिवलिंग के विषय में मान्यता है की यह दिन में तीन बार रुप बदलता है।  शिवरात्रि पर यहाँ भक्तों का मेला लगता है। मंदिर का शिवलिंग नीलम पत्थर का बना हुआ है। अभी यह मंदिर भारतीय पुरातत्व विभाग के अधीन है यहाँ एक बावड़ी भी है जो भगवन शिव को जलाभिषेक के लिए बनाई गई थी। जो बहुत प्राचीन और गहरी है। बावड़ी के पास ही टूटे हुए मंदिरो के अवशेष है। और खंडित मूर्तियाँ भी देखने को मिलती है। यहाँ जैन मंदिर भी है  यहाँ भगवन बुध की 27 फिट की प्रतिमा भी देखने को मिलती है। 1. नीलकंठ महादेव मंदिर का इतिहास - History Of Neelkanth Temple - राजोरगढ़ के राजा...